संदेश

Hindi Diwas Natak | Hindi Diwas Skit

चित्र
  हिंदी दिवस नाटक : "बोले तो... भाषा में ही दम है!" पात्र: 1. राहुल - 9वीं का छात्र, जो मराठी बोलता है (मजेदार और भोला) 2. स्नेहा - 9वीं की छात्रा, जो हिंदी बोलती है (बुद्धिमान और तेज) 3. आदित्य - 9वीं का छात्र, जो इंग्लिश में माहिर है (आधुनिक और थोड़ा घमंडी) 4. प्रोफेसर कुलकर्णी - भाषा के प्रोफेसर (मराठी, हिंदी और इंग्लिश तीनों में निपुण) Hindi Diwas Natak | Hindi Diwas Skit दृश्य 1: कक्षा (कक्षा में राहुल, स्नेहा, और आदित्य बैठे हैं। प्रोफेसर कुलकर्णी प्रवेश करते हैं।) प्रोफेसर कुलकर्णी: (हंसते हुए) अरे वाह! आज तो सारे भाषाविद् यहाँ बैठे हैं! चलो, आज एक मजेदार डिस्कशन करते हैं, "भाषा का महत्व!" कौन शुरू करेगा? राहुल: (खड़े होते हुए) सर, मी मराठी मुलगा आहे, आणि आमची मराठी भाषा फारच मस्त आहे! (गर्व से) आदित्य: (हंसी दबाते हुए) Come on, Rahul! English is the global language. If you don’t know English, how will you succeed internationally? स्नेहा: (गंभीरता से) लेकिन आदित्य, हिंदी हमारी राज्यभाषा है। बिना हिंदी के तो हम अपने देश में भी नहीं समझ पाएंगे! राहुल: (उत्साह से)

Hindi Diwas Speech | हिंदी दिवस पर भाषण | Mr. Suryawanshi

चित्र
 हिंदी दिवस पर भाषण | Hindi Diwas Speech हिंदी दिवस पर भाषण | Hindi Diwas Speech आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, सम्माननीय शिक्षकगण और मेरे सहपाठियों, सुप्रभात! आज हम सब यहाँ एक विशेष अवसर के लिए एकत्रित हुए हैं। आज 14 सितंबर है, 14 September Hindi Diwas Speech और इस दिन को हम हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं। सबसे पहले, मैं आप सभी को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ। हिंदी हमारे देश की राजभाषा है। यह सिर्फ एक भाषा नहीं बल्कि हमारी संस्कृति, हमारी सभ्यता और हमारे गौरव की पहचान है। जब हम हिंदी बोलते हैं तो ऐसा लगता है कि हम अपनी मातृभूमि से गहराई से जुड़े हुए हैं। यह भाषा हमारे इतिहास, हमारी परंपराओं और हमारे विचारों को अभिव्यक्त करने का सबसे सशक्त माध्यम है। साथियों, हिंदी भाषा का इतिहास बहुत पुराना है। इसकी जड़ें संस्कृत से जुड़ी हैं, जो कि हमारी सभ्यता की सबसे प्राचीन भाषा है। हिंदी भाषा ने हमारे समाज को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया है। चाहे वह साहित्य हो, संगीत हो, या फिर सिनेमा—हिंदी हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुकी है। हमारे देश में विभिन्न भाषाएं और बोलियां बोली जाती ह

Gajal Poem Question Answer Class 10th | गजल कविता प्रश्न उत्तर कक्षा १० वीं | mrsuryawanshi.com

चित्र
 ८. गजल स्वाध्याय | 8. Gajal Swadhyay नमस्ते पाठकों,  इस ब्लॉग में | कक्षा दसवीं की ८ वीं कविता गजल का स्वाध्याय दिया गया है | Class 10Th 8. Gajal Poem Swadhyay | दिए उत्तरों की सहायता से आपको अपने उत्तर बनाने की प्रेरणा मिल सकती है । हम उम्मीद करेंगे कि आपको दिए गए उत्तर सहायता पहुंचाए | Mr. Suryawanshi  * सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए  (१) गजल की पंक्‍तियों का तात्‍पर्य १. नींव के अंदर दिखाे ------------ उत्तर:  भीतर से मजबूत बनो । २. आईना बनकर दिखो ------------ उत्तर:  मार्गदर्शक बनो ।  (२) कृति पूर्ण कीजिए  मनुष्‍य से अपेक्षाएँ उत्तर:  १) वक्त की धुंध में रोशनी बनना २) अपने कार्य की छाप छोड़ना  (३) जिनके उत्‍तर निम्‍न शब्‍द हों, ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए : १. भीड़ उत्तर:  कवि हमारी शक्ल अक्सर कहाँ देखना चाहते है ?  २. जुगनू उत्तर:  वक्त की धुंध में रोशनी बनकर दिखने के लिए किसने कहा है ? ३. तितली  उत्तर:  कवि ने किसके टूटे पर दिखने के लिए कहा है ?  4. आसमान उत्तर:  गर्द बनकर किस पर लिखना चाहिए ? (4) निम्‍नलिखित पंक्‍तियों से प्राप्त जीवनमूल्‍य लिखिए : १. आपको महसूस ------- ------- भीत

Giridhar Nagar Class 10 Question Answers | गिरिधर नागर प्रश्न उत्तर कक्षा १० वीं |

चित्र
  गिरिधर नागर स्वाध्याय | Giridhar Nagar Swadhyay नमस्ते पाठकों, इस ब्लॉग में आपको कक्षा १० वीं की कविता गिरिधर नागर का स्वाध्याय दिया गया है । दिए गए उत्तरों को पढ़कर अपने स्वयं के उत्तर बनाने का प्रयास कीजिए । Mr. SURYAWANSHI . COM गिरिधर नागर स्वाध्याय | Giridhar Nagar Swadhyay सूचनानुसार कृतियाँ कीजिए - (१) संजाल पूर्ण कीजिए होली के समय आनंद निर्मित करने वाले घटक - १) गुलाल २) पिचकारी ३) करताल ४) पखावज (२) प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए कन्हैया की विशेषताएँ १) वे गिरिधर हैं । २) वे गोपाल हैं । ३) उनके सिर पर मोर पंख का मुकुट है । ४) वे मीरा के पति ( तारणहार ) है । (३) इस अर्थ में आए शब्‍द लिखिए १) दासी - अर्थ - शब्द - चेरी २) साजन - अर्थ - शब्द - पिव ३) बार-बार - अर्थ - शब्द - बेर - बेर ४) आकाश - अर्थ - शब्द - अंबर (4) कन्हैया के नाम १) गिरिधर २) गोपाल ५) दूसरे पद का सरल अर्थ लिखिए ( दूसरा पद : हरि बिन कूण गति मेरी .... दासी मीरा राम रटत है मैं सरण हूँ तेरी । ) उत्तर : दूसरे पद में संत मीराबाई अपने प्रभु श्री कृष्ण से संसार के विषय में बता रही हैं । उनका कहना है कि यह संसार विकृत है ।

Varsha Ritu Nibandh | वर्षा ऋतु निबंध

चित्र
 Varsha Ritu Nibandh | वर्षा ऋतु निबंध वर्षा ऋतु Varsha Ritu| MrSuryawanshi.Com वर्षा ऋतु ( Varsha Ritu ) हमारे जीवन में एक खास समय होता है। यह जून के महीने से शुरू होकर सितंबर तक चलती है। इस समय काले-काले बादल आकाश में छा जाते हैं और धरती पर ठंडी-ठंडी बारिश की बूंदें गिरती हैं। जब पहली बारिश होती है, तो मिट्टी से एक सुगंधित महक आती है, जो सबको बहुत पसंद होती है। बच्चों को बारिश में खेलना बहुत अच्छा लगता है। वे कागज की नाव बनाकर पानी में तैराते हैं और नंगे पैर पानी में दौड़ते हैं। उनके चेहरे पर खुशी देखते ही बनती है। वर्षा ऋतु में पेड़-पौधे हरे-भरे हो जाते हैं। चारों तरफ हरियाली छा जाती है। नदियाँ, तालाब और झीलें पानी से भर जाती हैं। खेतों में किसान धान और गेहूँ की फसलें उगाते हैं। बारिश की बूंदों से फूल खिल जाते हैं और माहौल खुशहाल हो जाता है। बारिश में हम रंग-बिरंगे छाते और रेनकोट पहनकर बाहर जाते हैं। हमें बरसात के पानी में मस्ती करने का मौका मिलता है। कभी-कभी मम्मी गर्मा-गरम पकौड़े और चाय बनाती हैं, जो बारिश के साथ और भी मजेदार लगते हैं। लेकिन बारिश के कुछ नुकसान भी हैं। कभी-कभी ज्य

Billi Ka Bilanguda Swadhyay Class 9th | बिल्ली का बिलंगुड़ा स्वाध्याय कक्षा ९ वीं

चित्र
बिल्ली का बिलंगुड़ा स्वाध्याय | Billi Ka Bilanguda Swadhyay नमस्ते पाठकों, इस ब्लॉग में ' बिल्ली का बिलंगुड़ा '  इस पाठ का स्वाध्याय दिया गया है । यह पाठ कक्षा ९ वीं का दूसरा पाठ है | 2. Billi Ka Bilanguda Swadhyay Class 9th  (१) सूचनानुसार कृतियाँ कीजिए :- क) संजाल:  घर में बिल्‍ली पालने के कारण १) लेखक के घर में बहुत चूहे हो जाना  २) चूहों को घर से निकालने के बहुतेरे प्रयत्न किए जाने पर भी लेखक के परिवार की एक न चलना  ३) मित्रों से किया गया परामर्श ४) बिल्ली पालने के प्रस्ताव पर किसी को आपत्ति न होना  ५) पुरानी विचारधारा और परंपरा का घपले में पड़ जाना  ख) कहानी के प्रमुख पात्र: १) बिल्ली २) लेखक ३) अमरु  ४) थानेदार (२) उत्‍तर लिखिए : * बिल्‍ली के रवैये में आया परिवर्तन -  १. वह घर के सदस्यों के आगे - पीछे फिरने की बजाय वह रसोई के आसपास कोने में दुबक कर बैठ जाती ।  २. जब मौका लगता, मजे से जो जी में आता खाती ।  YouTube video के लिए Link 👇 https://youtube.com/shorts/FEx_wmL3ffY (3) स्‍पष्‍ट कीजिए : * घर के सदस्‍यों का बिल्‍ली के प्रति व्यवहार  पहले और बाद में -  खान - पहले :