Matrubhumi Ki Seva Me Jivan Arpan Karna Pratek Manushya Ka Kartavya Hai | मातृभूमि की सेवा में जीवन अर्पण करना प्रत्येक मनुष्य का कर्तव्य है | Maharashtra Board Solutions For Class 8

१. हे मातृभूमि ! का स्वाध्याय में आया प्रश्न 'मातृभूमि की सेवा में जीवन अर्पण करना प्रत्येक मनुष्य का कर्तव्य है' इस कथन पर अपने विचार लिखो | के लिए एक उदाहरण उत्तर यहाँ दिया गया है | दिए गए उत्तर को पढ़ कर आप स्वयं का उत्तर बनाने का प्रयास कर सकते हैं 


Matrubhumi Ki Seva Me Jivan Arpan Karna Pratek Manushya Ka Kartavya Hai


'मातृभूमि की सेवा में जीवन अर्पण करना प्रत्येक मनुष्य का कर्तव्य है' इस कथन पर अपने विचार लिखो | Matrubhumi Ki Seva Me Jivan Arpan Karna Pratek Manushya Ka Kartavya Hai | He Mathrubhumi Swadhyay 


उत्तर: मातृभूमि अर्थात जन्म देने वाली भूमि या जिस देश में जन्म हुआ हो वह देश। अधिकतर मनुष्य जिस देश में पैदा होते है, वही उनकी मृत्यु भी होती है। जन्म से लेकर मृत्यु तक मातृभूमि हमें रहने के लिए जगह देती है, यहाँ–वहाँ घूमने की आजादी देती है, खाने के लिए खाना और पीने के लिए पानी देती है। हमारे साथ ही नहीं, हमारे पुरखों से लेकर अबतक मातृभूमि ने कभी भी किसी के साथ भी भेदभाव नहीं किया। मातृभूमि ने एक माता की तरह हमारा पालन–पोषण किया है। जिस भूमि ने हम पर इतने एहसान किए है उस भूमि के प्रति हमारी भी कुछ जिम्मेदारियाँ बनती है; जिसे पूर्ण करना हमारा कर्तव्य है। सोचकर देखिए - अगर मातृभूमि अपनी ओर से दे रही सभी सेवाओं को रोक दे तो ... ! 


उम्मीद है कि हम समय रहते मातृभूमि का महत्व समझेंगे और अपने कर्तव्य के प्रति जागृत होंगे।


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