Bharat Mahima Swadhyay | Class 10Th Poem 1 | Mr. Suryawanshi | भारत महिमा स्वाध्याय कक्षा दसवीं स्वाध्याय

 १. भारत महिमा स्वाध्याय / 1. Bharat Mahima Swadhyay


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नमस्ते पाठकों,
इस ब्लॉग में कक्षा १० वीं की पहली कविता भारत महिमा का स्वाध्याय ( 1. Bharat Mahima Swadhyay | Class 10th ) दिया गया है ।

* सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :-

(१) निम्‍नलिखित पंक्तियों का तात्‍पर्य लिखिए :


सबसे पहले हमें तात्पर्य लिखने के लिए कहा गया है । तात्पर्य अर्थात इन पद्यांशों से कवि कहना क्या चाहते हैं ।

१. कहीं से हम आए थे नहीं ....................................


उत्तर:
"कहीं से हम आए थे नहीं..." का तात्पर्य यह है कि हम किसी अन्य स्थान से नहीं आए हैं बल्कि हमारी उत्पत्ति और अस्तित्व यहीं पर है । इसका अर्थ यह है कि हमारी जड़ें, हमारी संस्कृति और हमारी पहचान इस धरती से ही हैं । हम किसी बाहरी स्थान या संस्कृति से नहीं आए हैं बल्कि हम इस भूमि के प्राकृतिक और मौलिक अंग हैं ।

२. वही हम दिव्य आर्य संतान ....................................


उत्तर:
यह पंक्ति हमें हमारी पहचान और विरासत का स्मरण कराती है । यह बताती है कि हमारे भीतर वही विशेषताएँ और गुण विद्यमान हैं जो हमारे पूर्वजों में थे । यह हमें गर्व और आत्मसम्मान की भावना से भरती है और हमें यह याद दिलाती है कि हम उस महान परंपरा का हिस्सा हैं जो उच्च नैतिक मूल्यों और आदर्शों पर आधारित है ।

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(२) उचित जोड़ियाँ मिलाइए :

यहाँ पर हमें शब्दों की जोड़ियाँ मिलानी है । इसके पहले हमने जब भी जोड़ियाँ मिलाओ इस तरह के प्रश्नों को हल किया है, हमें एक जगह प्रश्न और दूसरी जगह उत्तर दिए जाते थे परंतु यहाँ पर प्रश्न और उत्तर दोनो भी एक ही जगह पर दिए गए हैं । हम कविता को ध्यानपूर्वक पढ़ेंगे और पढ़ते समय इन शब्दों को याद रखेंगे तो हमें किस शब्द की जोड़ी किसके साथ मिलती है यह पता चल जाएगा ।

उत्तर:
१) संचय - दान
२) सत्‍य - वचन
३) अतिथि - देव
४) हृदय - तेज

५) रत्‍न
• यहाँ पर ' रत्न ' शब्द अतिरिक्त है ।

(३) लिखिए :

१. कविता में प्रयुक्‍त दो धातुओं के नाम :


यहाँ पर हमें दो धातुओं के नाम पूछे गए है । धातु को इंग्लिश में Metal कहते है । कविता में दो धातुओं के नाम आए है । जैसे कि -

उत्तर:
१) लोहा
२) स्वर्ण

२. भारतीय संस्‍कृति की दो विशेषताएँ :


संपूर्ण कविता में भारतीय संस्कृति की विशेषता ही बताई गई है । जैसे कि -

भारत महिमा इस कविता में भारतीय संस्कृति की निम्नलिखित विशेषताएँ बताई गई हैं:


१. प्राकृतिक सौंदर्य और आभा: हिमालय के सौंदर्य और उषा की किरणों से स्वागत का वर्णन है, जो भारत की प्राकृतिक छटा को दर्शाता है।

२. आध्यात्मिक जागरूकता: कविता में वर्णन है कि भारतीयों ने विश्व को जागृत करने का प्रयास किया और सभी को आलोकित किया।

३. संगीत और कला: वीणा और मधुर संगीत का उल्लेख भारतीय संगीत और कला की समृद्धि को दर्शाता है।

४. धर्म और दया: धर्म और दया का महत्व, जिसमें सम्राट भी भिक्षु होकर दया दिखलाते थे, भारतीय संस्कृति में धर्म और दया की महत्ता को बताता है।

५. शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व: यवन और चीन को दया का दान देने और सांस्कृतिक दृष्टि प्रदान करने का उल्लेख, जो भारतीय संस्कृति के सहिष्णु और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को दर्शाता है।

६. ज्ञान और शिक्षा: स्वर्णभूमि और शील की सिंहल को सृष्टि का उल्लेख, जो भारतीय संस्कृति में ज्ञान और शिक्षा के प्रति समर्पण को दर्शाता है।

७. स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता: किसी का कुछ नहीं छीनने और प्रकृति के पालन की बात, जो भारतीय संस्कृति के स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता को दर्शाता है।

८. शक्ति और नम्रता का संतुलन: भुजा में शक्ति और नम्रता का संतुलन, जो भारतीय संस्कृति की शक्ति और विनम्रता को दर्शाता है।

९. दानशीलता और अतिथि सत्कार: संचय में दान और अतिथि देवो भव का वर्णन, जो भारतीय संस्कृति की दानशीलता और अतिथि सत्कार को दर्शाता है।

१०. सत्य और प्रतिज्ञा का महत्व: वचन में सत्य और प्रतिज्ञा में दृढ़ता, जो भारतीय संस्कृति में सत्यनिष्ठा और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

११. गौरव और गर्व: हृदय के गौरव में गर्व का उल्लेख, जो भारतीय संस्कृति के आत्मगौरव को दर्शाता है।

१२. शांति और शक्ति: शांति और शक्ति का संतुलन, जो भारतीय संस्कृति की संतुलित और समग्र दृष्टिकोण को दर्शाता है।

१३. देशभक्ति और समर्पण: भारतवर्ष के प्रति प्रेम और सर्वस्व निछावर करने की भावना, जो भारतीय संस्कृति में देशभक्ति और समर्पण को दर्शाता है।

• हम इन विषेताओं में से किसी २ विशेषताओं को हमारा उत्तर बना सकते हैं ।

उत्तर :
१) दानशीलता
२) अतिथि सत्कार

(४) प्रस्‍तुत कविता की अपनी पसंदीदा किन्हीं दो पंक्‍तियों का भावार्थ लिखिए ।


उत्तर:
भारत महिमा कविता में मेरी पसंदीदा पंक्ति है, "विजय केवल लोहे की नहीं, धर्म की रही धरा पर धूम । भिक्षु होकर रहते सम्राट, दया दिखलाते घर - घर घूम । " इस पंक्ति में कवि यह बताते हैं कि हमारी विजय केवल शस्त्रों के बल पर नहीं हुई बल्कि शांति, धर्म और अहिंसा के मार्ग पर चलकर भी हमने लोगों के हृदय जीते हैं । हमारे महावीर और गौतम बुद्ध, जो राजपुत्र थे, उन्होंने भिक्षु की तरह जीवन जीते हुए घर - घर जाकर लोगों को दया और करुणा का पाठ पढ़ाया । इस प्रकार वे न केवल राजसी सामर्थ्य के प्रतीक थे बल्कि नैतिक और आध्यात्मिक विजय के भी प्रतीक बने ।

(5) निम्‍नलिखित मुद्दों के आधार पर पद्‌य विश्लेषण कीजिए :

१. रचनाकार का नाम
२. रचना का प्रकार
३. पसंदीदा पंक्‍ति
4. पसंदीदा होने का कारण
5. रचना से प्राप्त संदेश

• इस तरह के प्रश्न अब कक्षा दसवीं की बोर्ड परीक्षा Class 10Th Board Exam में नहीं पूछे जाते इसलिए इस प्रश्न का उत्तर नहीं दिया गया है ।

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