Gajal Poem Question Answer Class 10th | गजल कविता प्रश्न उत्तर कक्षा १० वीं | mrsuryawanshi.com

 ८. गजल स्वाध्याय | 8. Gajal Swadhyay


नमस्ते पाठकों, 

इस ब्लॉग में | कक्षा दसवीं की ८ वीं कविता गजल का स्वाध्याय दिया गया है | Class 10Th 8. Gajal Poem Swadhyay | दिए उत्तरों की सहायता से आपको अपने उत्तर बनाने की प्रेरणा मिल सकती है । हम उम्मीद करेंगे कि आपको दिए गए उत्तर सहायता पहुंचाए | Mr. Suryawanshi 



* सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए 


(१) गजल की पंक्‍तियों का तात्‍पर्य


१. नींव के अंदर दिखाे ------------

उत्तर: 

भीतर से मजबूत बनो ।


२. आईना बनकर दिखो ------------

उत्तर: 

मार्गदर्शक बनो । 


(२) कृति पूर्ण कीजिए 


मनुष्‍य से अपेक्षाएँ

उत्तर: 

१) वक्त की धुंध में रोशनी बनना

२) अपने कार्य की छाप छोड़ना 


(३) जिनके उत्‍तर निम्‍न शब्‍द हों, ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए :


१. भीड़

उत्तर: 

कवि हमारी शक्ल अक्सर कहाँ देखना चाहते है ? 


२. जुगनू

उत्तर: 

वक्त की धुंध में रोशनी बनकर दिखने के लिए किसने कहा है ?


३. तितली 

उत्तर: 

कवि ने किसके टूटे पर दिखने के लिए कहा है ? 


4. आसमान

उत्तर: 

गर्द बनकर किस पर लिखना चाहिए ?


(4) निम्‍नलिखित पंक्‍तियों से प्राप्त जीवनमूल्‍य लिखिए :


१. आपको महसूस -------

------- भीतर दिखो ।


उत्तर: 

इस पंक्ति से कवि का कहना है कि धागे जैसी स्थिति हम पर आएगी तभी हमें धागे की पीड़ा पता चलेगी । यह पंक्ति हमें दूसरों के प्रति दया भाव रखने और उनके प्रति संवेदनशील होने की सीख देती है । 


२. कोई ऐसी शक्‍ल -------

 ------- मुझे अक्‍सर दिखो । 


उत्तर: 

इस पंक्ति से कवि का कहना है कि दूसरों पर छाप पड़ती है । अब यह हमारे ऊपर है कि हम हमारी कैसी तस्वीर दूसरों के मन में उखेर ना चाहते हैं । कवि का कहना है कि अपनी छवि ऐसी कुछ बनाना कि व्यक्ति को हर किसी की शकल में आप ही नजर आना चाहिए । 


(5) कृति पूर्ण कीजिए


गजल में प्रयुक्‍त प्राकृतिक घटक

उत्तर:

१) जुगनू

२) मोती

३) सीप 

४) फूल 


(६) कवि के अनुसार ऐसे दिखो :


उत्तर:

१) नींव के अंदर 

२) मील का पत्थर

३) आदमी बनकर 

४) आईना बनकर 

५) मोम के भीतर


प्रस्‍तुत गजल की अपनी पसंदीदा किन्हीं चार पंक्‍तियों का केंद्रीय भाव स्‍पष्‍ट कीजिए ।


उत्तर:

" सिर्फ देखने के लिए दिखना कोई दिखना नहीं,

आदमी हो तुम अगर तो आदमी बनकर दिखाे । " इस पंक्ति में कवि का कहना है कि आदमी हो तो आदमी दिखो । अर्थात इंसान हो तो इंसान दिखो, सच्चे हो तो सच्चे दिखो, किसी को जताओ या दिखाओ मत । इस शेर में कवि दिखावे की अपेक्षा वैसा बनने की सीख दे रहे है ।


🔥Class 10th की Playlist 👇

https://www.youtube.com/playlist?list=PLZxzHl_jPEBkfxo9MheE7QPuyGVW6pM3H



‘ यदि मेरा घर अंतरिक्ष में होता,’ विषय पर अस्‍सी से सौ शब्‍दों में निबंध लेखन कीजिए ।


यदि मेरा घर अंतरिक्ष में होता | Yadi Mera Ghar Antariksh Me Hota |


उत्तर: 

कल्पना कीजिए, यदि मेरा घर अंतरिक्ष में होता ! अंतरिक्ष की रहस्यमयी और अद्भुत दुनिया में रहना एक अनोखा और अद्वितीय अनुभव होता । 


अंतरिक्ष में मेरा घर एक विशाल अंतरिक्ष यान की तरह होता, जिसमें सभी सुविधाएँ उपलब्ध होतीं । इस घर की दीवारें पारदर्शी होतीं, जिससे मुझे हर समय बाहरी अंतरिक्ष की खूबसूरती देखने को मिलती । तारे, ग्रह, और उल्का पिंड मेरे आस - पास होते और मुझे लगता कि मैं ब्रह्मांड की अनंतता में तैर रहा हूँ ।


अंतरिक्ष में मेरा जीवन पृथ्वी के जीवन से बिल्कुल अलग होता । वहाँ का दिन - रात का चक्र पृथ्वी जैसा नहीं होता, क्योंकि अंतरिक्ष में समय और दिन - रात का कोई निर्धारण नहीं होता । मैं सूर्योदय और सूर्यास्त की अद्भुत झलकियाँ देख सकता, जो पृथ्वी पर संभव नहीं होतीं ।


विज्ञान और तकनीक की मदद से, मेरा घर सभी प्रकार की सुविधाओं से लैस होता । भोजन, पानी, और हवा की कोई कमी नहीं होती । एक विशेष प्रकार की गुरुत्वाकर्षण प्रणाली होती, जिससे हम बिना किसी कठिनाई के अपने कार्य कर सकते ।


अंतरिक्ष में रहकर, मैं ब्रह्मांड की गहराइयों को समझने और अन्वेषण करने का मौका पाता । मेरे पास अंतरिक्ष यात्रा के लिए एक छोटा यान भी होता, जिससे मैं विभिन्न ग्रहों और उपग्रहों की यात्रा कर सकता । शनि के छल्लों को नजदीक से देखना, बृहस्पति के विशाल तूफानों का अध्ययन करना और मंगल की सतह पर चलना मेरे रोजमर्रा के कार्यों में शामिल होता ।


हालांकि, अंतरिक्ष में रहना कुछ चुनौतियों से भरा भी होता । वहाँ का वातावरण पृथ्वी जैसा नहीं होता, इसलिए सुरक्षा के विशेष प्रबंध करने पड़ते । वहाँ के तापमान और विकिरण से बचने के लिए विशेष प्रकार के कपड़े और उपकरणों की आवश्यकता होती । इसके अलावा, दोस्तों और परिवार से दूर रहना भी एक बड़ी चुनौती होती, क्योंकि अंतरिक्ष में संचार सीमित होता है ।


अंतरिक्ष में रहकर, मैं पृथ्वी की सुंदरता और महत्व को और अधिक समझता । पृथ्वी की हरी - भरी वादियाँ, नीला आसमान, और जीवन की विविधता की कमी महसूस होती । इस प्रकार, अंतरिक्ष में मेरा घर भले ही कितना भी अद्भुत क्यों न हो, पृथ्वी का अपना एक विशेष स्थान हमेशा मेरे दिल में बना रहता ।


इस प्रकार, यदि मेरा घर अंतरिक्ष में होता, तो यह एक अद्वितीय और रोचक अनुभव होता, जो मुझे ब्रह्मांड की अनंतता और पृथ्वी की सुंदरता दोनों का महत्व सिखाता ।


🔥 गजल कविता | Explanation 👇

https://www.mrsuryawanshi.com/2023/11/gajal-poem-class-10-explanation-in-hindi.html


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